छुप गए अगली सुबह के इंतजार में सहमा सहमा सा छुप गए अगली सुबह के इंतजार में सहमा सहमा सा
यादों के झरोखों को सजायेंगे उन यादों में ही कभी खो जायेंगे हर लम्हे की तस्वीर को तरा यादों के झरोखों को सजायेंगे उन यादों में ही कभी खो जायेंगे हर लम्हे की तस्...
पर क्यों न कोई ज़माने में सूरज सा मिलता है पर क्यों न कोई ज़माने में सूरज सा मिलता है
बहुत सी यादें जो फिर से झरोखे से निकाल कर महसूस करना चाहता हूँ। बहुत सी यादें जो फिर से झरोखे से निकाल कर महसूस करना चाहता हूँ।
कोना-कोना था, महकता खुशबू, लिए प्रेम की। कोना-कोना था, महकता खुशबू, लिए प्रेम की।
मैं घुला हुआ झरता हूं वहां उस टीले से बस्ती की झरोखे पर वहां से बहाता हूं मैं मैं घुला हुआ झरता हूं वहां उस टीले से बस्ती की झरोखे पर वहां से बहाता हूं...