हमसफ़र
हमसफ़र
एक सफ़र की शुरुआत है वो हमसफ़र जो पास है
धीमे धीमे ही दो कदम बढ़ाएंगे उस ज़िन्दगी के लिए
जो खुद में ही गुलज़ार है।
वक़्त यूँ ही बदलता जायेगा यकीन यूँ ही बढ़ता जायेगा
साथ चले हैं जो कदम इस वक़्त दर-ब-दर
यूँ ही एक अरसा बनता जायेगा।
यादों के झरोखों को सजायेंगे
उन यादों में ही कभी खो जायेंगे
हर लम्हे की तस्वीर को तराशेंगे
आख़िरी साँस तक ये साथ जो निभाएंगे।
सात फेरों के ये जो सात वचन हैं
सात जन्मों तक ना ये कम है,
इन वचनों में ही अब पूरा जीवन है,
इस साथ और वचनों से अब हम जो है।

