होली
होली
फ़ागुन की फुहार् है होली
रिम झिम सी बहार है होली
रंग बिरंगे रंगों में लिपटी
एक अनोखी साँझ है होली,
गुज़िया ,पापड़, नमकीन,
मिठाई हर घर बनते
कुछ रोज़ ही आगे
गीत फ़ागुन के गा चटकारे
मीठी चाशनी में घुल के डुबाते,
गीत बिरहा के गाते बजाते
टोली के साथ है जब थिरकते
भाँग ठंडई का जोश भरके
हर होलिहार है जब हँसते,
कई रंगों में रंग के हर मन
रंग बिरंगी यादों को सँजोता
अपनी हर बातों को भूलकर
सिर्फ प्यार के रंगों में है रंगता।