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Priti Arun Tripathi

Inspirational Others

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Priti Arun Tripathi

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मेरा ख़ुशी

मेरा ख़ुशी

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ज़िन्दगी जिस दौर से गुज़र रही है

नहीं पता की मंज़िल मिलेगी की नहीं

जिस रास्ते पर मैं हूँ आज खड़ी

उस रास्ते पर सही मुक़ाम हो की नहीं,

नहीं पता

अपनी घर की छोटी सी खिड़की से

उस आसमाँ को माप पाऊँगी की नहीं,

नहीं पता

उम्मीदों की डोर को तेज़ हवाओं में भी

संभाल सकूंगी की नहीं,

नहीं पता....

लेकिन हाँ....

कुछ भी ना हासिल होने पर भी

टूट के बिखर जाऊंगी, ये नहीं हो सकता,

मंज़िल ना मिलने पर सफर को ही भूल जाऊं

ये नहीं हो सकता,

छोटे दायरे की उस खिड़की से भी

तारों की चमक भी नहीं देख सकती

ये नहीं हो सकता,


उम्मीदों की डोर को बेशक़ ना संभाल सकूँ फिर भी

उन हवाओं में खुलकर आँचल लहरा ना सकूँ

ये नहीं हो सकता,

और सिर्फ एक मुक़ाम को पाने के लिए

इन रास्तों की समझ को यूँ ही भूल जाना

ये भी नहीं हो सकता,

बस इसीलिए क्योंकि....

इसी अंजान सफर पे मैंने खुद को समझा है

इसी रास्तों पे चल के खुद के इरादों को भी परखा है,


इन्हीं तेज़ हवाओं के संग ही

संभलने का हौसला भी लिया है,

हाँ इसी खुले आसमाँ को देख

अँधेरे में तारों की चमक को भी जाना है,

फिर भला कैसे यूँ ही टूट जाऊंगी

एक मंज़िल के लिए खुद को क्यूँ मायूस कर दूँगी

बहुत मुश्किल से तो मुझमें ये

स्वाभिमान का गुरुर आया है

फिर एक पल में इस व्यक्तित्व को

यूँ ही बेवजह क्यूँ खो दूँगी।


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