देशप्रेम
देशप्रेम
जिस देश की माटी में हमने जन्म लिया
जिस देश की ममता ने हमे अपना सर्वस्र दिया,
फिर उस माटी का मोल क्यूँ नही समझते हम
जिस माटी ने हमें हर साँचे में है गढ़ दिया,
जब माँ भारती की रक्षा का ये सौभाग्य
समान रूप से हुआ है सभी को यहाँ प्राप्त,
फिर क्यूँ सौभाग्य को दुर्भाग्य में कर परिवर्तित
अपने देश में अपनों के संग ही रहकर कर रहे नर-संहार,
माँ भारती की रक्षा में देकर पूर्ण बलिदान
सच्चे सैनिक ही तो है जो करते है ये काम,
मातृभूमि की लाज बचाने का वे ले वरदान
बहादुर माताओं की कोख़ से जन्मे है
ऐसे माँ के बहादुर लाल,
हाँ, यहीं है देश के ऐसे ये जाबांज़
जिनपर तुम ऊँगली उठाते हो सरेआम,
अपनी हर मर्यादा को कर लाँघ
अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर
कुछ भी दे देते हो बयान,
ए नादान इंसा कुछ तो बनाओ अपनी सही पहचान
देश के लिए रख दिल में सच्चा सम्मान,
माँ भारती की रक्षा में तू भी तो आगे आया कर
बेशक़ तूने वर्दी ना पहनी हो पर अपना कर्तव्य तो कर।