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Dhananjay Kumar

Inspirational

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Dhananjay Kumar

Inspirational

वंदन

वंदन

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अभिनंदन का वंदन हो 

राष्ट्र प्रेम का नंदन हो

दृष्टिपटल के भय रहित हो

जैसे अभिनंदन का वंदन हो

राष्ट्र हित में वो बेघर है,

तनिक भय रहित तेवर है।

योद्धा का तुम योद्धा हो ।

तनकी उत्कंठा नहीं घबड़ाहट की ।

भृकुटी तनी तेरी प्रत्यंचा जैसी ।

हमे खबर थी 

तुम राष्ट्र हित में सब कुछ कर दोगे निरछवर।

क्या कहूं ऐसी योद्धा को जिसके लिए कोई शब्द नहीं मेरे शब्दकोश में ।

वंदन है इस अभिनंदन का 

जय हो भारत ।

जय भारती । जय वीर पुत्र

      


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