STORYMIRROR

MANISHA JHA

Inspirational

3  

MANISHA JHA

Inspirational

दस्तूर

दस्तूर

1 min
166

यही ज़माने का दस्तूर है

जो आज पास है, वो कल दूर है

दोस्त, तुझे किस बात का ग़ुरूर है

जो आज तेरा है, वो कल किसी और का होगा

सफर का मंजर कल बदला होगा

बैंक में जो पैसे हैं तेरे, कल उसका मालिक कोई और होगा

मंजिल जो दूर थी बहुत, आज तेरे पास होगी

जो बच्चे आपके पीछे कल भागते थे

वो आज किसी और की याद में गिरफ्त होगा

मोह माया का बोझ जरा हल्का कर लो

वक्त से पहले ख्याल कर लो

अपने लिए कुछ पल निकालो

खुद से ही अब थोड़ा प्यार कर लो |



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational