हालात
हालात
जब हालात बदल जाए तो फैसले बदलने पड़ते हैं
जब दुश्वारियां बढ़ जाए तो सिलसिले बदलने पड़ते हैं
जब दर्द बढ़ जाए तो दवाई बदलने बदलने पड़ते हैं
जब दोस्ती में कड़वाहट बढ़ जाए रास्ते बदलने पड़ते हैं
जब आपकी सीरत ही बदल जाए तो एतबार क्यों किया जाए
जब अल्फाज ही चुभने लगे तो खामोश क्यों रहा जाए
अपनी भावनाओं को दिल में ही दबा दिया जाए
बेहतर है अपने जज्बातों को छिपाकर ही रखा जाए।