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Jyoti Naresh Bhavnani

Tragedy

4  

Jyoti Naresh Bhavnani

Tragedy

बदल गईं हैं भाषाएं

बदल गईं हैं भाषाएं

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बदल गईं हैं वेशभूषाएं,

बदल गए हैं संस्कार,

बदल गए हैं तौर-तरीके,

बदल गया है व्यंवहार।


बदल गए हैं रिश्ते-नाते,

बदल गया है हरएक प्यार,

कैसी परवरिश है आज की,

जो बदल गया है सारा संसार।


बदल गईं हैं देश की शिक्षाएं,

बदल गईं हैं देश की भाषाएं,

कैसा वक्त आया है जो,

रो रहीं हैं अपनी भाषाएं।


नए दौर की हैं नई बातें,

भूल रहे हैं सब पुरानी बातें,

आज के इस दौर में ,

गुम हुईं अपनी सभ्यताएं।



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