छा जाएं जो बादल, महक उठेंगे, सारी ज़मीन , सारा गगन, होके मगन।
छा जाएं जो बादल, महक उठेंगे, सारी ज़मीन , सारा गगन, होके मगन।


गीत: रहें ना रहें हम महका करेंगे
स्वरचित गीत: छा जाएं जो बादल महक उठेंगे
छा जाएं जो बादल,
महक उठेंगे...,
सारी ज़मीन,
सारा गगन,
होके मगन...।
छा जाएं जो बादल....
चलेंगीं जब ठंडी ठंडी ये,
बारिश की सर्द हवाएं।
झूम उठेंगे ये पेड़ और,
झूम उठेंगी ये लताएं।
चमक उठेंगे, चमक उठेंगे,
और खिलने लगेंगे....,
सारे सुमन, सारे चमन,
सारी फिजाएं...।
छा जाएं जो बादल....
पड़ेंगी जब बूंदें बारिश की,
और रिमझम बरसेंगी ये फुहारें।
कोयल भी कूकेगी और,
मोर भी नाचेगा पंख पसारे।
चहक उठेंगे, चहक उठेंगे,
और गाने लगेंगे....,
सारे यौवन, सारे बचपन,
सारे नज़ारे...।
छा जाएं जो बादल.....