मैं तुम सब को सुनाती हूं, मैं मन की बात बताती हूं, मेरा भारत भाए मुझको,
मैं तुम सब को सुनाती हूं, मैं मन की बात बताती हूं, मेरा भारत भाए मुझको,


गाने ऊपर गाना मेरा गाना
गीत: सज्जन रे झूठ मत बोलो खुदा के पास जाना है
फिल्म: तीसरी कसम
स्वरचित गीत: मैं तुम सब को सुनाती हूं
मैं तुम सब को सुनाती हूं,
मैं मन की बात बताती हूं,
मेरा भारत भाए मुझको,
प्यार मैं उससे करती हूं।
मैं तुम सब को सुनाती हूं...
मेरे भारत में चारों ओर,
कुदरत का खेल है न्यारा।
मेरे भारत को देखने को,
आता संसार ये सारा।
ऐसे भारत पे मैं अपने,
ऐसे भारत पे मैं अपने,
कुर्बान जान करती हूं।
मैं तुम सब को सुनाती हूं...
मेरे भारत के लोगों में,
आपस में है भाईचारा।
विविधता में भी एकता का,
दिखे सुंदर सा नज़ारा।
ऐसे भारत पे मैं अपने,
ऐसे भारत पे मैं अपने,
नाज़ बेहद ही करती हूं।
मैं तुम सब को सुनाती हूं...
मेरे भारत के अच्छे भेष,
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और संस्कार भी अच्छा।
है लोगों में बहुत गैरत,
हरकोई मन का है सच्चा।
ऐसे भारत पे मैं अपने,
ऐसे भारत पे मैं अपने,
गीत बार बार लिखती हूं।
मैं तुम सब को सुनाती हूं...
मेरे भारत की भाषाओं,
में है कितनी ही विविधता।
त्योहारों पे है मस्ती ,
जुदा धर्मों में है एकता।
अपने भारत की रस्मों में,
अपने भारत की रस्मों में,
मैं खुशी से झूम जाती हूं।
मैं तुम सब को सुनाती हूं...
मेरे भारत के पर्वों पे,
होता है बड़ा मज़ा,
जुदा जुदा धर्मों के लोगों,
का दिखता है रंग नया,
भारत के ऐसे पर्वों पे,
भारत के ऐसे पर्वों पे,
मैं मान बेहद करती हूं।
मैं तुम सब को सुनाती हूं
मैं मन की बात बताती हूं,
मेरा भारत भाए मुझको,
प्यार मैं उससे करती हूं।
मैं तुम सब को सुनाती हूं...