हम आज जुदा होके तुमसे पछताते राह पे जाते हैं ! हम आज जुदा होके तुमसे पछताते राह पे जाते हैं !
होरी बड़ी बरजोर है...। होरी बड़ी बरजोर है...।
कविता मेरी हरी-भरी हरियाली में बगिया की खुशबू बहारों में सृजन और संवेदना में दु:ख दर्द सच और झूठ ... कविता मेरी हरी-भरी हरियाली में बगिया की खुशबू बहारों में सृजन और संवेदना में ...
आने को बरसात, विरहनी भरा मन उमंग। आने को बरसात, विरहनी भरा मन उमंग।
दिन-रात तन से चिपकाती सुन्दरता पर उसकी रीझती, साथ उसे मैं हर पल रखती, ऐ सखि साजन? न सखि साड़... दिन-रात तन से चिपकाती सुन्दरता पर उसकी रीझती, साथ उसे मैं हर पल रखती, ऐ...
धरा को जब प्रभु ने था बनाया स्वर्ग सा ही श्रृंगार किये थे। धरा को जब प्रभु ने था बनाया स्वर्ग सा ही श्रृंगार किये थे।