चाहूँ तो मैं बढ़ता जाऊँ, खूब हाथ के काम करूँ, माथा–पच्ची से भरपूर रहूँ, ऐसी ही निराली जगह को मैं ... चाहूँ तो मैं बढ़ता जाऊँ, खूब हाथ के काम करूँ, माथा–पच्ची से भरपूर रहूँ, ऐसी ही...
धरा को जब प्रभु ने था बनाया स्वर्ग सा ही श्रृंगार किये थे। धरा को जब प्रभु ने था बनाया स्वर्ग सा ही श्रृंगार किये थे।
पुरानी कहावत , कितनी चरितार्थ, लोक व्यवहार, नेग रिवाज़। पुरानी कहावत , कितनी चरितार्थ, लोक व्यवहार, नेग रिवाज़।
लुक-छिप कर मिलते हैं सब ज्यों, तुम ऐसे मिलने ना आना, कोई हमें जुदा ना कर पाए.... लुक-छिप कर मिलते हैं सब ज्यों, तुम ऐसे मिलने ना आना, कोई हमें जुदा ना कर प...
अपनी माता को सताते उनकी मार भी खाते फिर भी करते शैतानियां अपनी माता को सताते उनकी मार भी खाते फिर भी करते शैतानियां
मैं जब भी लड़खड़ाया या डगमगाया, माँ तूने रास्ता दिखला भट्काव से बचाया ! मैं जब भी लड़खड़ाया या डगमगाया, माँ तूने रास्ता दिखला भट्काव से बचाया !