पुरानी कहावत , कितनी चरितार्थ, लोक व्यवहार, नेग रिवाज़। पुरानी कहावत , कितनी चरितार्थ, लोक व्यवहार, नेग रिवाज़।
झूठ पर झूठ ऐसे ही बोलते जाओ, देश में आर्थिक अवयवस्था लाओ। झूठ पर झूठ ऐसे ही बोलते जाओ, देश में आर्थिक अवयवस्था लाओ।
अब हम नहीं करेंगे प्रकृति कभी छेड़छाड़ तुझसे। अब हम नहीं करेंगे प्रकृति कभी छेड़छाड़ तुझसे।
जवानी में कुछ ऐसा ही चमत्कार हो तालियों से सत्कार हो गलियों में जयकार हो। जवानी में कुछ ऐसा ही चमत्कार हो तालियों से सत्कार हो गलियों में जयकार हो...
सुविधाएं भरपूर हैं, फिर भी टाट खाली हैं।। सुविधाएं भरपूर हैं, फिर भी टाट खाली हैं।।
फैल रहा है अंधेरा, रौशनी फैलाइये, जाग जाइये------ फैल रहा है अंधेरा, रौशनी फैलाइये, जाग जाइये------