हम पूरे जीवन भर स्वयं को छोड़कर दूसरो में सिर्फ कमियां ढूंढने में लगे रहते हैं। हम पूरे जीवन भर स्वयं को छोड़कर दूसरो में सिर्फ कमियां ढूंढने में लगे रहते हैं।
कोई बताएगा अब मुझको, क्यों कहलाती हूँ मैं गाली ? कोई बताएगा अब मुझको, क्यों कहलाती हूँ मैं गाली ?
नीर बहाओगे, तुम बस ढूंढते रह जाओगे। नीर बहाओगे, तुम बस ढूंढते रह जाओगे।
कोई लिये हाथों में है शराब। कोई कूल कोई कहता ख़राब।। कोई लिये हाथों में है शराब। कोई कूल कोई कहता ख़राब।।
झूठ पर झूठ ऐसे ही बोलते जाओ, देश में आर्थिक अवयवस्था लाओ। झूठ पर झूठ ऐसे ही बोलते जाओ, देश में आर्थिक अवयवस्था लाओ।
कुत्ता और कुतिया एक-दूसरे के पूरक हैं चरित्र के नाम कुत्ता वफ़ादार और ‘कुतिया’ गाली कुत्ता और कुतिया एक-दूसरे के पूरक हैं चरित्र के नाम कुत्ता वफ़ादार और ...