उसने फिर पूछा जवाब में मैं सिर्फ हल्का सा मुस्कुराया। उसने फिर पूछा जवाब में मैं सिर्फ हल्का सा मुस्कुराया।
उसकी तैयारी का त्यौहार अब नहीं मनाया जाता। उसकी तैयारी का त्यौहार अब नहीं मनाया जाता।
वो एक कप प्याली के साथ याद करता हूँ, सर्दी की कड़कती ठंडक में याद करता हूँ... वो एक कप प्याली के साथ याद करता हूँ, सर्दी की कड़कती ठंडक में याद करता हूँ...
मयकशी ने हर जगह मयखाना बना रखा है। मयकशी ने हर जगह मयखाना बना रखा है।
जब कटी पतंग का अफ़साना हो भरी दोपहर। जब कटी पतंग का अफ़साना हो भरी दोपहर।
मन भावन मेहमान नवाजी स्मृति खोलती। मन भावन मेहमान नवाजी स्मृति खोलती।