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pali kaur

Abstract

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pali kaur

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हाइकु मुक्तक

हाइकु मुक्तक

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सुहानी भोर

हों चाय के हेलोर

मन अडोल।


काली कोयल

आम्र देख बौराय

मीठे से बोल।


वर्षा का नजारा

पकौड़े मतवाले

चाय की प्याली।


मन भावन

मेहमान नवाजी

स्मृति खोलती।



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