माँ
माँ
उन कोमल कर कमलों
जिनके पद चिह्नों पर
चलना है जीवन पर्यंत
माँ को मेरा शत -शत नमन।
त्यागा तेह कृपा से तेरी
बन जाएँ कुछ आशीष से तेरी
बीनती हैं शूल राहों के मेरी
निसदिन प्रार्थना से अपनी।
निस्वार्थ हो रत कर्तव्यों में
करें सदा राहें रौशन मेरी
उॠण न हो पाऊँगी में
कृपाओं से उनकी कभी।
संस्कारों की देकर पूँजी
नैतिक मूल्यों का दे सार
<p>आदर्श जीवन निर्माण सिखाया
हर परीक्षा से बचाया मुझे।
चलना राह पर नेकी की
कर्म नेक करना सिखाया
दिल भूल से न दुखे कभी
पाठ नित पढ़ाया तुमने।
परिश्रम और लगन से जीवन
सींचा है संवारा मेरा
आपने संचित कर पुण्यों की राशि
देकर की सुलभ राहें मेरी।
तेरी प्रशस्त राहों पर चलकर
पाया सदा निश्चिंत स्वयं को
करते यही प्रार्थना निरंतर
उसकी कृपा बनी रहे उन पर।