नेकी करके हाथो को जलाना ही है। नेकी करके हाथो को जलाना ही है।
जो बोलना हो खुल कर बोलो ऐसा तो कोई रिवाज नहीं।। जो बोलना हो खुल कर बोलो ऐसा तो कोई रिवाज नहीं।।
सुलझा-सुलझाया किस्सा हो तुम, मगर हम उलझे रहे अपने आप से, सुलझा-सुलझाया किस्सा हो तुम, मगर हम उलझे रहे अपने आप से,
करते यही प्रार्थना निरंतर उसकी कृपा बनी रहे उन पर। करते यही प्रार्थना निरंतर उसकी कृपा बनी रहे उन पर।
तेरे प्रेम की झमाझम बारिश में नहाने चली हूँ ! तेरे प्रेम की झमाझम बारिश में नहाने चली हूँ !
ज़माने की गंदगी हुई नेकी तेरी उसे कबुल हुई, जिसके सीने में साखी, अच्छाई की रोशनी हुई। ज़माने की गंदगी हुई नेकी तेरी उसे कबुल हुई, जिसके सीने में साखी, अच्छाई ...