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Garima Kanskar

Drama

4  

Garima Kanskar

Drama

नेकी

नेकी

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नेकी करते हुऐ

अक्सर मेरे हाथ

बुरी तरह से

जल जाते हैं


घाव से लथपथ हो जाते हैं

जिन्हें देखा नहीं जाता है

और दर्द इस कदर

होता है मुझे

जो न कहा जाता है

न ही सहा जाता है


फिर वक्त की दवा

और मरहम से

धीरे धीरे

घाव भर जाते हैं

और निशान रह जाते हैं


जो अक्सर

याद दिलाते हैं

नेकी करने से

हाथ जल जाते हैं


पर हम कहाँ

सुधरने वाले हैं

इंसानियत का फर्ज

निभाना ही है


नेकी करके हाथो

को जलाना ही है।।


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