प्यार
प्यार


कब होगा
कहाँ होगा
कैसे होगा
कुछ नहीं पता
बस वो तो दबे
पाँव आता है
और दिल में घर
कर जाता है
कुछ पता ही नहीं
चलता कि
कोई अंजाना सा
कैसे इतना अपना बन जाता है
शायद यही है प्यार।
कब होगा
कहाँ होगा
कैसे होगा
कुछ नहीं पता
बस वो तो दबे
पाँव आता है
और दिल में घर
कर जाता है
कुछ पता ही नहीं
चलता कि
कोई अंजाना सा
कैसे इतना अपना बन जाता है
शायद यही है प्यार।