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Garima Kanskar

Action

3  

Garima Kanskar

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बसंत

बसंत

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आ गया है

बसंत 

आम में बौर आ गई है

खेतों में फसल लहलहा रही है

चारों और फूल खिल गये है

उपवन निखर गये है

हवा का शोर 

है चारों और

न जाने क्यों ऐसा लगता है

की कानों में कुछ कह रही है

जिंदगी में न जाने क्यों

सब कुछ बेहतर से

बेहतरीन हो रहा है

बसंत के आने से

कोयल भी कुहू कुहू कर रही है

जिंदगी को मधुर बना रही है



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