पहाड़ों से लड़ी हारी गुमी, फिर भी नहीं खोई। जीव प्यारे धरा के सब, सोच के तब नहीं सोई पहाड़ों से लड़ी हारी गुमी, फिर भी नहीं खोई। जीव प्यारे धरा के सब, सोच क...
कौन है जिसने उगाया है दिन को कौन है जिसने अंधेरों को सींचा है कौन है जिसने उगाया है दिन को कौन है जिसने अंधेरों को सींचा है
मिल जाए अपना मुकाम और हम जीते-जागते मुस्कुरा सकें मिल जाए अपना मुकाम और हम जीते-जागते मुस्कुरा सकें
आंदोलन की लाठी लिए कोसता है खुद को कि वह, किसान क्यों है। आंदोलन की लाठी लिए कोसता है खुद को कि वह, किसान क्यों है।
पाखण्डों को छोड़कै, सेवा करणा सीख। पाखण्डों को छोड़कै, सेवा करणा सीख।
तब तुम करना बुराई का खात्मा, सफल हो जायेगी आत्मा। तब तुम करना बुराई का खात्मा, सफल हो जायेगी आत्मा।