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Meenakshi Gandhi

Abstract Action

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Meenakshi Gandhi

Abstract Action

रो देती हूँ मैं

रो देती हूँ मैं

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अगर किसी का गलती से भी दिल दुखा दूँ 

तो रो देती हूँ मैं,

अगर किसी की बात को दिल से लगा लूँ 

तो रो देती हूँ मैं।।


अपनी भावनाएँ यदि छुपानी पड़े किसी से

तो रो देती हूँ मैं,

अपने मन की कोई बात किसी के सामने रख पाऊँ 

तो रो देती हूँ मैं।।


गमों का समन्दर मिल जाए 

तो रो देती हूँ मैं,

खुशियाँ अगर बेशुमार मिल जाएँ 

तो रो देती हूँ मैं।।


दर्द किसी का महसूस कर पाऊँ 

तो रो देती हूँ मैं,

दर्द अपने किसी को सुना पाऊँ 

तो रो देती हूँ मैं।।


जिंदगी की राहों में अगर भटक जाऊँ कहीं 

तो रो देती हूँ मैं,

मंजिल तक अगर पहुँच जाऊँ 

तो रो देती हूँ मैं।।


रो देती हूँ बात-बात पर

रो देती हूँ कभी-कभी बिना किसी बात पर,

रो देती हूँ, क्योंकि भावुक हूँ मैं 

रो देती हूँ, क्योंकि संवेदनशील हूँ मैं।।


इन आंसुओं को बह जाने देती हूँ 

और खुद में नया महसूस करती हूँ मैं,

नई ऊर्जा और हिम्मत का संचार कर

खुद को खुद के लिए खास बना पाती हूँ मैं।।


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