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Meenakshi Gandhi

Abstract Others

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Meenakshi Gandhi

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मेरी कलम

मेरी कलम

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मेरी कलम बहुत ही चयनशील है ,

ये हर तरह के गीत की ताल नहीं पहचानती है ।।


नहीं लिख पाती है किसी दिए गए विषय पर ,

ये अपने विषयों का खुद चुनाव करती है ।।

नहीं सुसज्जित कर पाती मेरी कविताओं को रस और अलंकारों से ,

मगर ये अनुभवों और भावनाओं से मेरी कविताओं का साज श्रृंगार करती है ।।


नहीं बदल पाती ये जन जागरण की सोच को ,

मगर ये मेरे सोचने का दायरा बढ़ाती है ।।


नहीं निकाल पाती किसी विषय का निष्कर्ष ,

मगर मेरे मन की उथलपुथल को शांत कर देती है ।।


नहीं बयान कर पाती ढेरों कहानियां ,

मगर ये मुझसे जुड़ी हर कहानी गढ़ जाती है ।।

नहीं लिख पाती किसी के विरोध में ,

मगर मेरे जीवन में स्कारात्मकता लाती है ।।


ये मेरी कलम भी कुछ कुछ मुझ सी ही है ,

जो कदम उठाने से पहले एक बार हिचकती है ।।


और अगर सोच ले कुछ करना है

फिर कुछ कर के ही थमती है ।।


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