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Meenakshi Gandhi

Romance Fantasy

4.7  

Meenakshi Gandhi

Romance Fantasy

तूने किया ही क्या है मेरे लिए?

तूने किया ही क्या है मेरे लिए?

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जब सबने छोड़ा था साथ मेरा,

तब थामा था तूने हाथ मेरा,

और तू पूछता है -

तूने किया ही क्या है मेरे लिए ?


जब रास्ते से वापस लौट रही थी,

तूने ही मंजिल की नई राह दिखाई थी,

और तू पूछता है -

तूने किया ही है क्या मेरे लिए ?


जब धंस रही थी निराशा के दलदल में,

तब तूने ही तो आसमान की ओर रुख कराया था,

और तू पूछता है -

तूने किया ही है क्या मेरे लिए ?


जब रिश्तों की गांठे खुल रही थी,

तब तूने और मजबूती से जोड़ा था उनको,

और तू पूछता है -

तूने किया ही क्या है मेरे लिए ?


जब मन नफरतों के बीज बो रहा था,

तब प्यार की ताकत को समझाया था तूने,

और तू पूछता है -

तूने किया ही है क्या मेरे लिए ?


तूने जो किया वो कोई विरला ही कर पाता है,

जो खुद को हरा कर दूसरे को जीता जाता है ।।


ना जाने कौन से जन्मों का फल है -

जो तू खुद को मुझसे जोड़ के बैठा है,

मेरे सपनों को तू अपना मान के बैठा है,

नहीं करता तू किन्ही चार लोगों की परवाह,

तू तो बस मुझमें खुद को खो के बैठा है ।।


शब्द नही मिलते मुझे,

जब तू पूछता है मुझसे -

कि तूने मेरे लिए किया क्या है ?

कि तूने मेरे लिए किया क्या है ?


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