पापा
पापा
वो पापा हैं ना
कुछ ऐसे ही अपना प्यार जताते हैं ।।
बस कह दो कि तबियत थोड़ी खराब है ,
हर घंटे फोन की घंटी बजाते हैं ।
वो पापा हैं ना
ऐसे ही प्यार जताते हैं ।।
खुद कभी बीमार हो जाएं
हम कहीं घबरा ना जाएं,
ऐसा सोच कर हम से छिपाते हैं ।
वो पापा हैं ना
ऐसे ही प्यार जताते हैं ।।
बस कह दो कि छुट्टियों में घर आ रहें हैं ,
घर में फल और सब्जी की दुकान लगाते हैं ।
वो पापा हैं ना
ऐसे ही प्यार जताते हैं ।।
चाहे कितना ही कमा ले हम ,
घर वापसी में टिकाई के नाम पर
हर बार हाथ में एक लिफाफा थमाते हैं ।
वो पापा हैं ना
ऐसे ही प्यार जताते हैं ।।
हर जन्मदिन , त्योहार पर हमें याद करते हैं ,
और खुद का जन्मदिन , सालगिरह
अक्सर भूल जाते हैं ।
वो पापा हैं ना
ऐसे ही प्यार जताते हैं ।।
बस अपनी कोई समस्या बता दो ,
ये अपने अलग ही जुगाड़ लगाते हैं ।
वो पापा हैं ना
ऐसे ही प्यार जताते हैं ।।
साथ बैठो उनके तो ,
अपने समय के किस्से कहानियां सुनाते हैं ।।
वो पापा हैं ना
ऐसे ही प्यार जताते हैं ।।
कभी हमें हिम्मत हारता देखे तो ,
जीवन संघर्षों के बिना अधूरा है
हमेशा यही समझाते हैं ।
वो पापा हैं ना
ऐसे ही प्यार जताते हैं ।।
हमारी गलतियों को ये सबसे छुपाते हैं ,
मगर हमारी छोटी छोटी कामयाबियों के किस्से
वो दुनिया भर को सुनाते हैं ।
वो पापा हैं ना
ऐसे ही प्यार जताते हैं ।।
इनके प्यार और हमारे लिए चिंता को
हम अक्सर भूल ही जाते हैं ,
पर वो पापा हैं ना
प्यार जताने से तो कतराते हैं ।
मगर उनके काम सब कह जाते हैं ।।
मगर उनके काम सब कह जाते हैं ।।