25वीं वर्षगांठ
25वीं वर्षगांठ
5 फरवरी का दिन है आज
और है ये कुछ खास,
क्योंकि 25 साल पहले बंटी जीजा जी ने
थामा था तरुण दीदी का हाथ ।।
दोनों की जोड़ी है ये बेमिसाल ,
क्योंकि दोनों का ही है विनम्र व्यवहार ।।
जब कभी भी परिवार पर कोई मुसीबत आई ,
दोनों ने धैर्य और विवेक से कुशलता दिखलाई ।।
माता-पिता की हमेशा करते हैं सेवा ,
यही है इनके जीवन का मेवा ।।
तरुण दीदी की कई बातें निराली ,
इनकी मुस्कान ही है इनके गालों की लाली ।।
क्रोशिए में हैं इतनी माहिर ,
अपने हाथों से बने उपहारों से
करती हैं अपने प्यार को जाहिर ।।
हाथों में इनके ऐसा चमत्कार ,
लाजवाब
बनाए चटनी और आचार ।।
जीजा जी का शांत व्यवहार ,
हर आए गए का करे सत्कार ।।
ईमानदारी ही इनकी दौलत ,
व्यवहार में सरलता इनकी शोहरत ।।
बच्चों पर ये खूब प्यार लुटाते ,
पीहू को प्यार से छिपकली बुलाते ।।
हमेशा प्राकृतिक चीज़ों को अपनाते ,
शुद्ध शहद और शक्कर ले कर आते ।।
5 सालों में मैं जितना इन्हें जान पाई ,
ननद नंदोई मैं इनमे कभी ढूंढ ना पाई ।।
बड़ी बहन और भाई सा जो देते हैं प्यार ,
आज उनका दिल से आभार ।।
प्रेम और विश्वास से बंधी ये डोर ,
जीवन में खुशियां मिले इन्हें भरपूर ।।
आप के लिए मन में सम्मान है पूरा
बना रहे इनका ये खुशहाल जोड़ा ।।