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डिस्लेक्सिया

डिस्लेक्सिया

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डिस्लेक्सिया बीमारी नहीं

कमज़ोरी है, अनिच्छा है

और कभी कभी उपेक्षा है


हर कोई अपनी लिखना कहना चाहता है

कुछ सुनना या पढ़ना नहीं


हम सब डिस्लेक्सिक हैं

क्यों कि लिखा हुआ

नीली काली लाल

हरी स्याही में लिपटा हुआ

तो सब पढ़ लेते हैं


मगर reading between the lines

के लिए reaching between the mind and heart

होना होता है


चेहरे की ज़मीन से फिसलकर

आंखो के कुएं में एक रस्सी उतारकर

अंतस तक पहुंचना पड़ता है

और बहुत ही कम हैं ऐसे

जिनके पास ये डोर बनाने को ऐसा जूट होता है


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