नववर्ष २०२५ का आगमन होगा नववर्ष २०२५ का आगमन होगा
उस आंदोलन के गीत को खामोशी ने निगल लिया, और, वह पल भी राख का कण बन गया। उस आंदोलन के गीत को खामोशी ने निगल लिया, और, वह पल भी राख का कण बन गया।
दुख जल्दी ही आता देर से जाता दुख जल्दी ही आता देर से जाता
तलवे चाटने से भी बाज़ नहीं आते. तलवे चाटने से भी बाज़ नहीं आते.
बारिश में भीग कर कड़ी धूप में यूं जल कर भी वो बढ़ जाते हैं बारिश में भीग कर कड़ी धूप में यूं जल कर भी वो बढ़ जाते हैं
तृप्ति अनुभूति करते नर-नार हैं ! तृप्ति अनुभूति करते नर-नार हैं !
हम स्वार्थ के लिए करते हैं, और बड़ी शान से दोष मन पर मढ़ देते हैं। हम स्वार्थ के लिए करते हैं, और बड़ी शान से दोष मन पर मढ़ देते हैं।
कड़कती धूप देता है पीपल की घनी छांव देता है कड़कती धूप देता है पीपल की घनी छांव देता है
सब कुछ त्यौहार की भविष्यवाणियों के अनुसार होता है। सब कुछ त्यौहार की भविष्यवाणियों के अनुसार होता है।
अंतहीन लड़ाई में भी परिवर्तन हँसा है। अंतहीन लड़ाई में भी परिवर्तन हँसा है।
बूढ़े बरगद तले बच्चों की वे टोली, हँसी-ठिठोली में बीतती थी होली। बूढ़े बरगद तले बच्चों की वे टोली, हँसी-ठिठोली में बीतती थी होली।
जोगी हो तुम जोग लियो है प्रेम विरह रस तुमरे भाने , जोगी हो तुम जोग लियो है प्रेम विरह रस तुमरे भाने ,
अपने वाले कल को लेकर हम उत्साहित कब रहते हैं? अपने वाले कल को लेकर हम उत्साहित कब रहते हैं?
सत्पथ पर दृढ़ता सीख बनी जीवन में सहायक, सत्पथ पर दृढ़ता सीख बनी जीवन में सहायक,
मगर किसी और की बांहों में जाके वो तड़पाती रही मगर किसी और की बांहों में जाके वो तड़पाती रही
मेला नहीं है, ये जीवन का मर्म, हर कण में बसा दिव्यता का धर्म। मेला नहीं है, ये जीवन का मर्म, हर कण में बसा दिव्यता का धर्म।
उनको कोई इस आम सी ज़िंदगी जीने के लिए शाबाशी नहीं देता उनको कोई इस आम सी ज़िंदगी जीने के लिए शाबाशी नहीं देता
हर व्यक्ति एक नया इतिहास बनाने में सक्षम है। हर व्यक्ति एक नया इतिहास बनाने में सक्षम है।
मिलाते नहीं हाथ क्यों आप हमसे हमें दर्द अपना सुनाते रहे हो मिलाते नहीं हाथ क्यों आप हमसे हमें दर्द अपना सुनाते रहे हो
वो ख़ामोशी में खो गया, वो बिना कहे मर गया। वो ख़ामोशी में खो गया, वो बिना कहे मर गया।