कौन बाँट सकता है भला किसी के गम को दर्द अपना है, तो तकलीफ़ भी अपनी ही होगी " कौन बाँट सकता है भला किसी के गम को दर्द अपना है, तो तकलीफ़ भी अपनी ही होगी "
सपनों के तुम बीज बनो मैं लहलहाती फसलें, दोनों मिलकर बगिया की रखवाली करते चल दे। सपनों के तुम बीज बनो मैं लहलहाती फसलें, दोनों मिलकर बगिया की रखवाली करते चल ...
मैं कोशिश करता हूँ हाँ, मैं कोशिश करता हूँ पढ़ने की तुझे पढ़ने की ! मैं कोशिश करता हूँ हाँ, मैं कोशिश करता हूँ पढ़ने की तुझे पढ़ने की !
रंग है ये राम का रंग है ये श्याम का रंग है हनुमान का गीता के ज्ञान का रंग है ये राम का रंग है ये श्याम का रंग है हनुमान का गीता के ज्ञान का
तुम ही मेरी चन्द्रमुखी हो, और तुम ही राजकुमारी।। तुम ही मेरी चन्द्रमुखी हो, और तुम ही राजकुमारी।।
नहीं प्यास बूझे बिन पानी के, बिन पानी भी क्या जीना रे। नहीं प्यास बूझे बिन पानी के, बिन पानी भी क्या जीना रे।
रोज़ ही तो तुझे लिखती हूँ तुझे में पन्नों पर फिर क्यूँ तू रोज़ याद आता है। रोज़ ही तो तुझे लिखती हूँ तुझे में पन्नों पर फिर क्यूँ तू रोज़ याद आता है।
कितने इलज़ाम दोगे तुम मुझे पढ़ कर रो दोगे। कितने इलज़ाम दोगे तुम मुझे पढ़ कर रो दोगे।
आतुर है उपलब्धियों को पाना, प्रतिष्ठा की होड़ लगा कर बैठा आतुर है उपलब्धियों को पाना, प्रतिष्ठा की होड़ लगा कर बैठा
कुछ मिला कुछ बिछड़ा है संघर्ष ये इंसान का। कुछ मिला कुछ बिछड़ा है संघर्ष ये इंसान का।
गांधी का विचार है पवित्र ग्रंथ राष्ट्र का, पवित्र मान्यताओं का लेख है स्वराष्ट्र का।। गांधी का विचार है पवित्र ग्रंथ राष्ट्र का, पवित्र मान्यताओं का लेख है स्वराष्...
ना रोकेगी तुमको "नीतू" आदिल हुए इस गाम को। ना रोकेगी तुमको "नीतू" आदिल हुए इस गाम को।
विश्वपटल से एक सितारा दूर हुई हम सबसे। विश्वपटल से एक सितारा दूर हुई हम सबसे।
महफिल फिर जमेगी दोस्तों की जब हम तुम बैठेंगे मिलकर, महफिल फिर जमेगी दोस्तों की जब हम तुम बैठेंगे मिलकर,
खड़ा जहाँ हूँ आज हम सभी अभी जहाँ इन मित्रता ने है वह मुकाम दिलाई।। खड़ा जहाँ हूँ आज हम सभी अभी जहाँ इन मित्रता ने है वह मुकाम दिलाई।।
फिर से पूज्य आयुर्वेद का ज्ञान सर्वथा सत्य फिर से पूज्य आयुर्वेद का ज्ञान सर्वथा सत्य
आप सबकी कविताओं को पढ़ कर मन हर्षाते है। आप सबकी कविताओं को पढ़ कर मन हर्षाते है।
लगता है हम भूल रहे हैं, चलो देेखते हैं, चलो देखते हैं।। लगता है हम भूल रहे हैं, चलो देेखते हैं, चलो देखते हैं।।
दो कदम ही सही तुम भी, मेरे संग चल कर देख लो ।। दो कदम ही सही तुम भी, मेरे संग चल कर देख लो ।।
अंत में बस यही समझ में आई थी, नारी हमेशा सहन करके जीवन जी पाई थी। अंत में बस यही समझ में आई थी, नारी हमेशा सहन करके जीवन जी पाई थी।