दुखों से निकलने की भरपूर प्रयास लगाया इस जीवन में बहुत कुछ खोया और पाया। दुखों से निकलने की भरपूर प्रयास लगाया इस जीवन में बहुत कुछ खोया और पाया।
फिर एक पल एहसास करने की कोशिश करता हूँ फिर एक पल एहसास करने की कोशिश करता हूँ
रावण की जगह लेने की कोशिश भी न करो, रावण की जगह लेने की कोशिश भी न करो,
मुझे क्या अब भी अपनाओगे मेरे क्षत -विक्षत अंगों को सहलाओगे मुझे क्या अब भी अपनाओगे मेरे क्षत -विक्षत अंगों को सहलाओगे
जाने क्या होगा अंजाम इस मोहब्बत का अब ये रब ही जानता होगा, जाने क्या होगा अंजाम इस मोहब्बत का अब ये रब ही जानता होगा,
कब तक काटोगी जिंदगी का सफर तन्हा, कोई साथ होगा तो रास्ता आसान होगा, कब तक काटोगी जिंदगी का सफर तन्हा, कोई साथ होगा तो रास्ता आसान होगा,
दर्द देने वाले तो दर्द देकर चले जाते है भूल जाते है लोग उनको, दर्द देने वाले तो दर्द देकर चले जाते है भूल जाते है लोग उनको,
बरसो बाद जिस ने दिल को छुआ है, बस उसी के साथ ये सफर कट जाए । बरसो बाद जिस ने दिल को छुआ है, बस उसी के साथ ये सफर कट जाए ।
प्यार से बनाये ये रिश्ते कभी शक की आग में जलने ना देना, प्यार से बनाये ये रिश्ते कभी शक की आग में जलने ना देना,
कोशिश ये ही रहती है कि वक्त बराबर बाँट दे, लेकिन कोई ना कोई काम अधूरा रह ही जाता है, कोशिश ये ही रहती है कि वक्त बराबर बाँट दे, लेकिन कोई ना कोई काम अधूरा रह ही ज...
तुम फिर हमको मना लिया करते थे हर पल आस पास रहकर, तुम फिर हमको मना लिया करते थे हर पल आस पास रहकर,
दुश्मन को सबक सीखा कर ही दम लेते है, जीवन अपना कर दिया हमने इस धरती माँ के नाम, दुश्मन को सबक सीखा कर ही दम लेते है, जीवन अपना कर दिया हमने इस धरती माँ के ना...
अब तो थोड़ी सी खुशियाँ मेरे दामन में भी डाल दे, अब तो थोड़ी सी खुशियाँ मेरे दामन में भी डाल दे,
नई ऊर्जा और हिम्मत का संचार कर खुद को खुद के लिए खास बना पाती हूँ मैं।। नई ऊर्जा और हिम्मत का संचार कर खुद को खुद के लिए खास बना पाती हूँ मैं।।
पल-पल रखते उनका ध्यान, एक दूजे पर छिड़के जान।। पल-पल रखते उनका ध्यान, एक दूजे पर छिड़के जान।।
यह मुझे समझ नहीं आता इतना समझने की जरूरत भी क्या है यह मुझे समझ नहीं आता इतना समझने की जरूरत भी क्या है
कभी हार तो कभी जीत से, ये रास्ते ज़िन्दगी के इस सफ़र में, कभी हार तो कभी जीत से, ये रास्ते ज़िन्दगी के इस सफ़र में,
एक बार फिर, दिव्य दर्शन हुआ टीवी पर, अखबारों में, मोबाइल में, इस बार, ज्ञान बेचते एक बार फिर, दिव्य दर्शन हुआ टीवी पर, अखबारों में, मोबाइल में, इस बार, ज्ञा...
पूछता फिरता हूँ पता खुद ही से खुद का धोबी का कुत्ता हूँ मैं घर का ना घाट का ।। पूछता फिरता हूँ पता खुद ही से खुद का धोबी का कुत्ता हूँ मैं घर का ना घाट का ...
यहाँ सच के आगे झूठ की दादागिरी नहीं चलती। यहाँ सच के आगे झूठ की दादागिरी नहीं चलती।