लड़कों की शान
लड़कों की शान
ये बाल है हम लडको कि शान,
कभी काला , कभी सफ़ेद,
पर जितना ज्यादा बाल उतना बढ़ेगा शान।
अन्य प्रकार के तेल है , पर वह सब भी झेल है।
गाँव के बच्चों में प्रसिध्द है तेल,
शहर के बच्चे लगाते है तेल।
बालों को सँवारने में लगते थे अनगिनत गण्टे,
परंतु उसके बाद लगते थे माता पिता के डंडे।
बड़े होनी पर गायब हो गया है ये बाल,
कोई बताओ कहाँ गया वो बचपन का पहला प्यार,
अब ये झूटी बाल कि तसल्ली का क्या फायदा,
सच्चा प्यार बन गया है झूटा प्यार
एक बात तो है शहर के बच्चे,
गाँव के बच्चे दोनो को था अपने बालों से प्यार,
बालों के इस विशाल जंग में जीत हुई,
जिसने अपने बालों को सुढ्रिढ्ता से रखा ख्याल।
