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Raj Aryan

Abstract Inspirational

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Raj Aryan

Abstract Inspirational

समाज का खलनायक!

समाज का खलनायक!

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आज वापस उस पे कई लोग हँसे,

वो नहीं जानते, वो किस जंजाल में फँसे।

साधारण दिखता है पर असाधारण सोचने वाला है,

उसकी इज्ज़त तुम शून्य पर लादो,

वो तुम्हारे मूर्खता को देखते रहेगा।

फिर सवेरा आएगा कोई और मूर्ख कहलाएगा।


जीवन के आख़री सच से जब मुलाकात करोगे,

तब तुम अपने आप को अंतिम ऊँचाई पर पाओगे,

तुम कठोरता के उदाहरण बन चुके होगे,

हर मुस्कराहट को तुम भूल चुके होगे।


अपने मस्तक पर सिर्फ़ जीत का कफ़न बाँधने की देरी है,

जैसे ही उसकी सहनशीलता ख़त्म होगी,

समाज तुम समझ जाना तुम्हारी उससे आख़री मुलाकात होगी,

तुम किसी और को नए रूप में पाओगे,

अपनी सोच के लिए जीवन भर तुम पछताओगे,

वो हँसेगा तुम सिर्फ उसके जैसे बनना चाहोगे।

कल की बात होगी पर वो आजीवन तुम्हारा श्राप बन जाएगा।


तुम सबकी उल्टी गिनती शुरू हो जाएगा,

जैसे ही वो आज़ाद पंछी पिंजरे से उड़ जाएगा।.....



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