आज़ादी का पलटवार !
आज़ादी का पलटवार !
गाँठ बांधा था हमने,
साथ प्रयास किया,
लेकिन असफलता ही प्राप्त हुआ।
खुश हो कर उन्होने हम पे वार किया,
पर जब आज़ादी ने पलटवार किया
तो धरती -आसमान तक काँप गया।
हौसला बुलंद था हमारा,
उन्होंने एकता को तोड़ने का प्रयास किया,
लेकिन सरफ़रोशी की तमन्ना दिल में थी
इसलिए आज़ादी ने पलटवार किया।
ख़ून पसीना साथ हमने बहाए,
साथ मिलकर उनसे हम टकराए।
समय न अपना चक्र चलाया,
जो चाहा हमसे वा करवाया।
समय बीता और सूरज ढल गया,
लेकिन आज़ादी ने पलटवार किया
और रोशनी को वो पास से प्राप्त किया ।
खुश तो बहुत है आज हम,
इस चंचल मन को क्या पता,
इस हँसी के लिए कितने
लोगों का सिर कटा।
हम पे राज करने वालों का हिम्मत बड़ा।
लेकिन आज़ादी ने जब पलटवार किया तो,
उनकी बुद्धि को भी मात दिया।
बहुत अन्याय सहा हमने,
महाभारत से भी लम्बा युद्ध लड़ा हमने।
लेकिन आज़ादी ने जब पलटवार किया,
दुष्टों का सर्वनाश किया।
एक नव निर्माण कराया
और हमारा सुंदर भारत बनाया।
सब को शांति भरा जीवन चाहिए,
पर सोचा है उन देश भक्तों का,
जिन्होंने अपना जीवन अशांत किया और
भारत को शांति प्रदान किया।
चलिए हम साथ मिल के स्वतंत्रता दिवस मनाए
और याद करे आज़ादी के पलटवार को,
जिसने नए भारत का निर्माण किया और
हमने आज़ादी जैसा अनमोल रतन प्राप्त किया।
