डरा हुआ दिल
डरा हुआ दिल
ये दिल है जो हारता नहीं ,
ये दूनिया है कि मानती नहीं।
कल के अरुणोदय में जीत की खोज कर रहें हैं ,
पर आज के सूर्य अस्त के बाद बोझ बने फिर रहें हैं।
क्या खूब था वो पल ,
वो हसीन दूनिया,
मैं वाकिफ था उससे ,
पर अब सब धोका है।
जिंदगी पलट सी गयी है ,
वक़्त थम सा गया है ,
अब मुस्कुराते भी है सोच के ,
कहीं कोई हमारी खुशी देख ना ले।
हारे नहीं है हम और ना हारेंगे ,
आज - कल की बात है ,
अब बाज़ी हम मारेंगे ,
काली रातों से जितने वाले हम है ,
मस्तिष्क की निर्बलता थी ,
अब दिल की चाहत है सबको डराने की।
जल्द आएंगे हम ,
मुस्कुरा लीजिए ,
अब हमारा मन है आपकी मुस्कुराहट को डराने की।।
