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Madhusudhan Pathak

Inspirational

4.5  

Madhusudhan Pathak

Inspirational

जीवन और मृत्यु

जीवन और मृत्यु

1 min
205


भय नहीं है मृत्यु का,

ना ही संसार छोड़ कर जाने का।

क्योंकि मोह ज्यादा है नहीं किसी का,

ना ही किसी के माया के साया का।


अभी त्रुटिहीन तो नहीं हूँ,

ना ही कुछ ज्यादा ज्ञानी हूँ।

मृत्यु में सिर्फ शरीर से जुदा होना है,

अभी जो अस्तित्वहीन अभिमानी हूँ।


मोह्मुक्ति अर्थात मृत्यु नहीं,

बल्कि मृत्यु से भी आजादी है|

भावहीनता को अगर मृत्यु समझे,

तो बस तुम्हारा बर्बादी है।


भाव-मोह के परे जो है,

बस वही एक सच्चाई है।

सारे माया को शांति से समझ पाए,

तो तुम में सच्ची अच्छाई है।


जीवन तो एक माया है,

जो मृत्यु के मोह से त्रुटिपूर्ण है।

मृत्यु तो एक मोह है,

जो जीवन के माया से त्रुटिहीन है।


मृत्यु से ही जीवन का अस्तित्व,

महत्व से सम्पूर्ण है।

जीवन से ही मृत्यु की वास्तविकता,

लगाव से भावहीन है।


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