नारी जागृति
नारी जागृति
मृत्यु की नींद में,
तुमको सोने न देंगे।
असमय काल कवलित,
तुमको होने न देंगे।
अपने जीवन में अमरता का,
रस घोल दो।
नारी क्या हो तुम,
दुनिया से बोल दो।
न दे कोई घर ,
तो गम न करो।
नया घर बनाने की,
तुम तमन्ना करो।
इस जद्दोजहद में,
अपना तन घोल दो।
नारी क्या हो तुम,
दुनिया से बोल दो।
तुम स्वयं हो पथ गामिनी,
न हो किसी की अनु गामिनी।
अपने हृदय से मेट दो नारी क्या हो,
तुम दुनिया से बोल दो।
दुखहारी नहीं सिर्फ हारी हो तुम,
मीरा वही लक्ष्मी रानी हो तुम।
संसार में ये सुर घोल दो,
नारी क्या हो तुम दुनिया से बोल दो।