मेरे हृदय के उद्गार
मेरे हृदय के उद्गार
अंदाज निराले हैं, आपके
निराली है आपकी शान।
जज्बात निराले हैं आपके,
निराली है आप की आन।
हाव भी निराले हैं आपके,
भाव भी निराले है आपके।
मेरे हृदय से बहे उद्गार ,
यह भी निराले हैं आपके।
कुछ तो बोलो आपके,
शब्द भी निराले हैं।
सुनने को मेरे कान,
लिखने को हाथ मतवाले हैं।
सावन के नजारे हैं,
सूर्य भी निराले हैं।
आपके सम्मान में मेरे हृदय के,
भाव भी निराले हैं।