समर्पित भाव सुमन
समर्पित भाव सुमन
कवि कुल भूषण परम प्रिय,
आप अक्षय वट बन जायें।
लघु लहरों के लिए आप,
सागर तट बन जायें।
जिसको भी छू दिया वही,
चन्दन सा महक उठा।
लेेेखनी आपकी पाकर के,
यह नन्दन सा चहक उठा।
स्टोरीमिरर् के कवियों का,
मैैं अभिनन्दन करती हूँ।
श्रद्धा के यह भाव सुमन,
आप सभी को अर्पण करती हूँ।