STORYMIRROR

Ragini Preet

Inspirational

4  

Ragini Preet

Inspirational

मुझे खुद से इश्क हुआ

मुझे खुद से इश्क हुआ

1 min
216

जब से मेरी उम्मीदों ने मेरे दिल को छुआ है,

मुझे ख़ुद से इश्क़ हुआ है।

जबसे मेरे सपनों का इन्द्रधनुष चमका है,

मुझे खुद से इश्क़ हुआ है।


अंँगड़ाई लेकर सूरज मेरे अंँगना जगता है,

तनहाई को तोड़ चंँद्रमा बातें अब करता है।

जबसे मेरे मन ने अपना मंज़िल साध लिया है,

मुझे ख़ुद से इश्क़ हुआ है।


कुमुद कोई पानी में जैसे तैर रहा है,

मेरे जागे अरमानों ने मुझमें प्राण भरा है।

जब से मैंने इस जीवन का हेतु जान लिया है,

मुझे ख़ुद से इश्क़ हुआ है।


कांँटों वाली राह भी मुझको प्यारी सी लगती है,

अंगारों की बारिश मुझको फूलों सा छूती है।

जब से हालातों को आंँखों ने हिम्मत से देखा है,

मुझे ख़ुद से इश्क़ हुआ है।


आंँचल लहरा कर मेरी बतियती है बदरा से,

पांँव के पायल रुन झुन गाती पत्थर से टकरा के।

जबसे अपने स्वाभिमान को मैंने प्यार किया है,

मुझे ख़ुद से इश्क़ हुआ है।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational