पूरी मानव जाती तुमसे घृणा करेगी पूरी मानव जाती तुमसे घृणा करेगी
बड़ा दर्दनाक होता है बड़ा दर्दनाक होता है
माँ देती हूँ मैं श्राप हर माँ को कि हो जाये हर कोख बाँझ और हो जाये हर पुरुष नपुंसक माँ देती हूँ मैं श्राप हर माँ को कि हो जाये हर कोख बाँझ और हो जाये हर पुरुष नपुं...
मन में आशा और कुछ कर गुजर जानें की चाहत हौसलों को पंख लगाकर उड़ जानें की वो कोशिश मन में आशा और कुछ कर गुजर जानें की चाहत हौसलों को पंख लगाकर उड़ जानें की ...
मृत्यु अज्ञात नहीं मृत्यु वास्तव है मृत्यु अज्ञात नहीं मृत्यु वास्तव है
नारी के जब कपडे उतारे भरी सभा मे . तो उस नारी ने श्राप दिया। नारी के जब कपडे उतारे भरी सभा मे . तो उस नारी ने श्राप दिया।