माँ देती हूँ मैं श्राप हर माँ को कि हो जाये हर कोख बाँझ और हो जाये हर पुरुष नपुंसक माँ देती हूँ मैं श्राप हर माँ को कि हो जाये हर कोख बाँझ और हो जाये हर पुरुष नपुं...
यही इतिहास युगों युगों से चला आता है। मैं खड़ी हूं बाजार में खुद को तौलने… यही इतिहास युगों युगों से चला आता है। मैं खड़ी हूं बाजार में खुद को तौलने…