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Vishakha Gavhande

Tragedy

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Vishakha Gavhande

Tragedy

कहाँ गई वो मर्यादा

कहाँ गई वो मर्यादा

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नारी के जब कपडे उतारे भरी सभा मे .

तो उस नारी ने श्राप दिया .

कहाँ को गई वो मर्यादा 

जिसका साथ सवम श्री कृष्ण ने दिया 

आज खुद आज़ादी के नाम पर 

अध्नंगा घूमती हो .

क्या इसी को हक़ का नाम देती हो .

माना कपड़ो से पहचान नहीं होती 

किसी इंसान की .

पर परवरिश तार तार होती है 

तेरे इसी फैसलों की


दुपट्टे के बदले तूने 

खुले पहनावों का साथ दिया .

ऐसी आज़ादी का क्या करना 

दम जिस मे तेरा भी घुंट गया.


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