Rahul Molasi

Tragedy Others

2.4  

Rahul Molasi

Tragedy Others

कैसा है

कैसा है

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तुम से बिछड़ के क्या बोलू, अब हाल हमारा कैसा है

तुम तो खुश रहती हो ना, कुछ तुम ही बताओ कैसा है


मेरे जैसा कहा मिलेगा तुम मुझसे यह कहते थे

अब के है जो साथ तुम्हारे, तुम ही बताओ कैसा है


सूख गया है अब वो बगीचा, जिसमें हम तुम मिलते थे

नए शहर का नया बगीचा, तुम ही बताओ कैसा है


भूलने का वो एक तरीका, जो हमको तुम समझते थे

हम तो आजमां पाए नहीं, अब तुम ही बताओ कैसा है


याद तुम्हे भी आती होगी, गज़ल जो तुम पर लिखते थे

तारीफे सुनने को तरसना, अब तुम ही बताओ कैसा है


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