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Rahul Molasi

Tragedy

5.0  

Rahul Molasi

Tragedy

याद तेरी

याद तेरी

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मौसम जब भी बदलते है, तेरी ही याद आती है

ज़िक्र मेरा जहां भी हो, तेरी ही बात आती है


जुड़ा है नाम मेरे से तेरा नाम, कुछ इस कदर

तेरी चिट्ठी कहीं से हो, मेरे ही घर में आती है


भीगना बेवजह बारिश में, मुस्कुराते सदा रहना

किसी बच्चे को देखूं तो, तेरी ही याद आती है


करे बातें मेरे हक की, किए वादे बहुत मुझसे

किसी नेता को देखूं तो, तेरी ही याद आती है


मुस्तकिल क्या है दुनिया में, लम्हा दर बदलती है

बदला दौर बदली तू, क्यों फिर तेरी याद आती है


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