आती रहती है उड़-उड़ कर तेरी यादों की चिट्ठियां आती रहती है उड़-उड़ कर तेरी यादों की चिट्ठियां
तुम भी आजमा लेना खुद को क्या तुम्हारे इंतजार में तड़प है मेरे लिए तुम भी आजमा लेना खुद को क्या तुम्हारे इंतजार में तड़प है मेरे लिए
पूरी करूँगा हर वादें पर, वादों की चिट्ठी भेज देना। पूरी करूँगा हर वादें पर, वादों की चिट्ठी भेज देना।
क्यों ना किसी की जाती दृष्टि क्यों ना किसी की जाती दृष्टि
वही बात पढ़ पढ़कर तुम भी जरुर तंग आ गयी हो। वही बात पढ़ पढ़कर तुम भी जरुर तंग आ गयी हो।
फिर से उस चिट्ठी को मोड़ कर मैं लिफाफे के अंदर रख दी। फिर से उस चिट्ठी को मोड़ कर मैं लिफाफे के अंदर रख दी।