क्यों ना किसी की जाती दृष्टि क्यों ना किसी की जाती दृष्टि
समाया जिसमें भाई- बहन का प्यार, समाया जिसमें भाई- बहन का प्यार,
फरवरी में बहुत याद आती है, मेरे रातों की नींद ले जाती है फरवरी में बहुत याद आती है, मेरे रातों की नींद ले जाती है
लिफ़ाफ़े में लिपटे खत की आरज़ू थी... तनहा शायर हूं लिफ़ाफ़े में लिपटे खत की आरज़ू थी... तनहा शायर हूं