सर्दियों की गुनगुनी धूप मैंने सिरहाने रख ली थी सर्दियों की गुनगुनी धूप मैंने सिरहाने रख ली थी
उस खेल का हर एक दाँव एक साथ मिलकर खेलते है उस खेल का हर एक दाँव एक साथ मिलकर खेलते है
तेरा वो मुझे गालियाँ देना फिर उस पर हाथ उठाना मुझे अनपढ़ होने का एहसास दिलाता है तेरा वो मुझे गालियाँ देना फिर उस पर हाथ उठाना मुझे अनपढ़ होने का एहसा...
चाहे जितना भी लड़ लो है उससे से कभी जीत ना पाओगे, हार ही जाओगे चाहे जितना भी लड़ लो है उससे से कभी जीत ना पाओगे, हार ही जाओगे
अपने रंग ढाल रहा हूं, जो समेट ले मेरी जमीं को सा एक आसमान बुन रहा हूं. अपने रंग ढाल रहा हूं, जो समेट ले मेरी जमीं को सा एक आसमान बुन रहा हूं.
दूर कहां हमारे आस- पास ही तो है। दूर कहां हमारे आस- पास ही तो है।