चले कहां होकर तैयार
चले कहां होकर तैयार
चले कहाँ होकर तैयार ?
चले आ रहे समूहों में तुम
लिए बूंदों के हथियार
कुछ भूरे कुछ काले
कुछ मटमैले से सियार
कौन देश के वासी तुम बादल
चले कहाँ होकर तैयार ?
होगा कहाँ युद्ध तुम्हारा
कहाँ गिरेगी गाज तुम्हारी
लेकर पूरी फौज
कहाँ है चलने की तैयारी।
बचा लेना उस किसान को
धान अभी पकने वाले हैं
उस छोटे छप्पर के नीचे
आठ प्राणियों के निवाले हैं।
शीत ने दस्तक दे दी है
वस्त्र नहीं हैं उनके पूरे
एक कंबल में ढका परिवार
लेकर के सपने अधूरे।
जुड़ाता अम्मा का बुढ़ापा
भीतर भीत
र कांप रही है
राधे राधे कहती हरदम
जाप प्रभु का कर रही है।
श्यामा ने जनी है बछिया
घर उसका भी टूट गया है
खेतों की पुलिया टूटी
मेड़ों पर पानी चढ़ा है।
कल बिजली जब कड़की थी
गिरि कल्लन के खेत में
खेत उसका जल गया
आशियाना उजड़ गया।
नदी नाले सब भर गए हैं
मजबूत वृक्ष भी ढए गए हैं
विप्लव के बादल का शोर
हाहाकार मचा चहूँ ओर।
चले आ रहे समूहों में तुम
लिए बूंदों के हथियार
कुछ भूरे कुछ काले
कुछ मटमैले से सियार
कौन देश के वासी तुम बादल
चले कहाँ होकर तैयार ?