देर तक
देर तक
बात जो मैने भुलाई देर तक
आज फिर वो याद आई देर तक
तारों ने भी ली बलाएं आज शब
चांदनी भी मुस्कराई देर तक
आज साकी यूं हुआ कुछ मेहरबां
मस्त आंखों से पिलाई देर तक
देख परवाने को यूं होते फिदा
लौ शमां की टिमटिमाई देर तक
यूं सलीके से खामोशी ने सनम
दासतां अपनी सुनाई देर तक
बरकतें थी आसमां में बंट रही
मैने किस्मत आजमाई देर तक
बच न पाई मौत के आगोश से
जिंदगी ने दी दुहाई देर तक