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Suman Sachdeva

Romance

4  

Suman Sachdeva

Romance

गज़ल

गज़ल

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प्यार अपना‌ जब घना‌ हो जाएगा 

खुद ही कम ये फासला हो जाएगा 


दूरियां सब मिट गयी जब इश्क में

जीना मरना साथ का हो जाएगा


क्या पता था अजनबी से एक दिन

उम्र भर का वास्ता हो जाएगा


ये मुलाकातें , बहाने प्यार में

रोज़ का ही सिलसिला हो जाएगा


पहलू में संभाल कर रख लो इसे

दर्द खुद इक दिन दवा हो जाएगा


न सताओ उसको इतना‌ प्यार में

क्या पता वो कब खफा हो जाएगा


यूं न उसके प्यार को ठुकराओ तुम

 ऐसे में वो गैर का हो जाएगा 


देखना वो जब भी मिलने आएंगे 

शुष्क मौसम खुशनुमा हो जाएगा


टूट के इतना न चाहो तुम उसे

एक दिन उसका नशा हो जाएगा 


संग तो प्यारा लगे उसका बहुत

बिछुडना पर हादसा हो जाएगा।


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